लोकल इंदौर 5 जुलाई। एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मध्यप्रदेश (एआईएमपी) में पदाधिकारियों के बीच चले घामासान बौर उसके बाद क्लाथ मार्केट एसोसिएशन में उठे विवाद के बाद शहर के अनेक ऐस संगठनों में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
शहर में व्यापारियों के हितों में कार्य करने वाली दो अन्य बड़े चेंबर भी है, मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री व अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री। लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का दवा करने वाले इन चेंबरों में भी बरसों से पदाधिकारियों व संचालक मंडल के चुनाव नहीं हुए हैं। हालांकि दोनों चेंबरों का कहना है कि वह संगठन में चुनाव करवाने की तैयारियां कर रहे हैं और यह कार्य जल्द हो जाएगा, इसके बावजूद इन चेंबर्स ने इस कार्य के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है। फिलहाल मालवा चेंबर 300 सदस्य संगठन के समर्थन का दावा कर रहा है वहीं अहिल्या चेंबर अपने साथ 80 व्यापारिक संगठन होने की बात कर रहा है। हालांकि इन चेंबरों से जुड़े सदस्यों में कई व्यापारिक सदस्य दोनों का समर्थन करते हैं। चुनाव को लेकर दोनों ही चेंबर तैयारी की बात कह रहे हैं।
मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स का गठन लगभग 75 वर्ष पूर्व किया गया था। अपने स्थापना से लेकर आज तक इस चेंबर पर कुछ लोगों का एकाधिकार कायम है। मालवा चेंबर के पूर्व अध्यक्ष प्रीतमलाल दुआ तो लगातार 25 साल तक चेंबर के सर्वेसर्वा रहे हैं। इस बीच कई बार चेंबर के सदस्यों ने मत भिन्नता के चलते चुनाव की मांग की लेकिन आज तक इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। मत भिन्नता के चलते ही मार्च 2003 में मालवा चेंबर के कुछ सदस्यों ने इससे अलग होकर अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का गठन किया। एकाधिकार के मुद्दे पर अलग हुई अहिल्या चेंबर भी आज तक उसी ठर्रे पर चल रही है। अहिल्या चेंबर में भी पदाधिकारियों के चुनाव को लेकर कोई नियम नहीं है और अध्यक्ष, महामंत्री व अन्य पदाधिकारियों का चुनाव साधारण बैठक में सर्वसम्मती से कर लिया जाता है। अपनी स्थापना से लेकर आज तक अहिल्या चेंबर की बागडोर रमेश खंडेलवाल, सुशील सुरेका व कुछ अन्य लोगों के हाथों में ही रही है।