गुप्तांग पर ताला पहले हॉं अब ना

taalaaलोकल इंदौर 17 जनवरी । आखिर वही हुआ पतनी अपने पति के अत्याचारों से कोर्ट में मुकर गई। पति द्वारा अपने गुप्तांग पर ताला लगाने के चर्चित मामले में बुधवार को महिला के बयान के बाद गुरूवार को भी सुनवाई होगी ।

अपर सत्र न्यायाधीश अवनींद्रकुमार सिंह की अदालत में इस चर्चित केस की सुनवाई हुई तो अभियोजन पक्ष सकते में आ गया। डॉ. विभा के बयान के बाद फरियादी सीताबाई के बयान की बारी आई तो सीताबाई ने कहा कि उसके 5 बच्चे हैं। कम उम्र में ही उसकी सोहनलाल से शादी हो गई थी। जब वह 18 साल की हो गई तो पति के साथ रहने लगी थी। कितने सालों से रह रही है, यह उसे याद नहीं। पति गैरेज का काम करता है और अक्सर उसके साथ मारपीट करता था। बच्चों की परवरिश के कारण वह उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती थी। पति ने 5-6 महीने पहले उसे कहा था कि ‘तूने पैसे निकाल लिए हैं’ यह सुनकर उसे बुरा लगा था, इसलिए उसने जहर पी लिया था। इस कारण उसे एमवाय अस्पताल ले जाया गया था, तब उसने पति द्वारा मारपीट करने की रिपोर्ट लिखाई थी। अस्पताल में वह एक माह भर्ती रही थी। उसने पुलिस को क्या बयान दिया, यह याद नहीं… लेकिन कोर्ट में कभी यह नहीं कहा कि उसका पति काम पर जाते समय गुप्तांग पर ताला लगा जाता था और लौटने पर खोल देता।16 जुलाई, 2012 के इस वाक्ये के बाद पुलिस ने उसके पति को हिरासत में लिया था। बादमें महिला के साथ ससुराल पक्ष द्वारा दबाव बना कर पति के खिलाफ वापस लेने के लिए मारपीट भी की गई थी जिसकी रिपोर्ट भी संयागिता गंज थाने में की गई थी ।

 

यह था मामला- मूसाखेड़ी में रहने वाली सीताबाई ने 16 जुलाई, 2012 को चूहामार दवा खा ली थी। उसे एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसने पति से परेशान होकर जान देने के लिए यह कदम उठाना बताया था। सीताबाई का कहना था कि उसके पति ने चार साल पहले उसके गुप्तांग में सुएं से छेदकर ताला लगा दिया था, क्योंकि उसे शंका थी कि उसके किसी से अवैध संबंध थे। अब उसकी पुत्री से बलात्कार करने की धमकी दे रहा है और उसे गांजा- भांग पिलाता है। उसके बयान पर संयोगितागंज थाने में पति सोहनलाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 498 (ए) व 326 के तहत केस दर्ज किया था। गिरफ्तारी के बाद से ही पति अभी तक जेल में है।

 

 

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