चने की दाल के दाम में ९० प्रतिशत की वृद्धि
लोकल इंदौर 21 अगस्त ।जून २०११ से मई २०१२ के एक वर्ष के दौरान देसी चने की दाल के दाम में ९० प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। अनुमान है कि दिवाली २०१२ तक चने की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच जाएंगी, क्योंकि देसी चने के विदेशी आपूर्तिकर्ताओं ने अपने दाम ब़ढ़ा दिए हैं।
यह उस रिपोर्ट के अंश है जो एसोचैम ने “दालों के क्षेत्र का उभरता परिदृश्य -२०१५” शीर्षक से तैयार की है ।
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक असर देसी चने की दाल पर प़ड़ने के आसार हैं। जून २०११ से मई २०१२ के एक वर्ष के दौरान इसके दाम में ९० प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। अनुमान है कि दिवाली २०१२ तक चने की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच जाएंगी, क्योंकि देसीचने के विदेशी आपूर्तिकर्ताओं ने अपने दाम ब़ढ़ा दिए हैं।
एसोचैम महासचिव श्री रावत ने बताया कि दालों के दाम ब़ढ़ने से किसानों को तो केंवल १० से १५ प्रतिशत फायदा ही हो रहा है, ब़ड़ा मुनाफा तो बिचौलियों के हाथ लग रहा है और वे ८५ प्रतिशत तक लाभ ले जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष ३५ लाख टन दालों का आयात हो सकता है। दो साल में आयात घटेगा और ३० लाख टन के आसपास रहेगा । कारण है कि विदेशों में दाल के दाम उच्च स्तर पर हैं और उसके ऊपर से रुपए की विनिमय दर घट गयी है। खतरा है कि भारी मात्रा में दालों का आयात व्यावहारिक नहीं रह जाएगा।