
बालकृष्ण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार पूरी ताकत लगाकर इन दोनों के बीच दरार डालने की कोशिश कर रही है। सरकार मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती और विदेशों में जमा काले धन को देश में वापस नहीं लाना चाहती।’ रामदेव और अन्ना हजारे में फूट की खबरों पर उन्होंने कहा, ‘जब सारे दुष्ट इकट्ठे हो सकते हैं तो सज्जन साथ क्यों नहीं आ सकते। वैसे यह तो आप जानते ही हैं कि जब सज्जन इकट्ठे होते हैं तो दर्द किसको होता है।’ उन्होंने कहा, ‘सज्जनों में फूट नहीं पड़नी चाहिए। आपस की दूरियों को साथ बैठकर दूर किया जाना चाहिए। दूरियों से आंदोलन कमजोर पड़ता है