लोकल इंदौर 9 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर देश की जनता को गुमराह कर रहे है। उनकी नियत और नीति साफ नहीं है। मौजूदा भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर जो डर वे बता रहे है वह कोरे झुठ के अलावा कुछ नहीं है। वे सिर्फ कुछ लोगों को फायदा पहुंचने के लिए इस कानून में संशोधन करना चाहते है। वह संशोधन किसान विरोधी है। कांग्रेस इसका सदन के बाहर और अन्दर विरोध करती रहेगी।
उन्होनें कहा कि कांग्रेस राजनीति वश संशोधन का विरोध नहीं कर रही है बल्कि जो कानून 2013 में बना है उसके मूलभूत पांच सिध्दांतों में किये जा रहे। 2013 के कानून में यह कहा गया है कि निजी कम्पनियों और पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के लिए यदि भूमि अधिग्रहण किया जाना है तो इसके लिए किसानों की 80 फीसदी किसानों की अनुमति लेनी होगी। जबकि मोदी सरकार इससे हटना चाहती है यानि बिना किसानों की सहम्ति के अधिग्रहण किया जायेगा।