लोकल इंदौर 28 मार्च ।वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने आज यहां कहा कि हमारे देश में देखने और सुनने का भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। खुशामदी और चापलूसी भरे वातावरण में असहमति की कोई जगह ही नहीं बची हैं।स्वंत्रत और सार्थक संवाद की शुरूआत हमें अपने घरों से ही करना होगी क्याकिं राजनिती और सत्ता का चरित्र अगले कुछ दशकों तक भी नहीं बदले वाला है।
गुरूवार से प्रांरभ हुए इंदौर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सार्क देशों का भाषाई पत्रकारिता महोत्सव में विचार सत्र में असहमति में क्यों है आक्रामकता विषय पर अपने विचार करते हुए श्री देव ने आगे कहा कि हमारे घर और परिवारों में अहसमति को सम्मान नहीं मिल पा रहा हैं। सत्ता और आयोजन में भी ये ही देखने में आ रहा हैं। उन्होंने कहा कि आज अनावश्यक इच्छाओं के चलते हम बौखला रहे है,और अकारण ही हिंसक हो रहे हैं। पूरी दुनिया एक वैश्विक बाजार बन गई है। आज कोई कारगर विकल्प सामने नहीं आया है चाहे वो बाजार हो समाज हो या सत्ता ।
श्री देव आगे कहा कि असहमति का कोई मूल नहीं होता हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें अपनी बात को कहने की शुरूआत घर से ही करना चाहिए। इससे पूर्व सुश्री सुषमा यादव ने कहा कि आज बच्चें वो ही सीख रहे है जो उन्हें सिखाया जा रहा है सुनने सुनाने की संस्कृति खत्म हो गई हैं। चाहे वो परिवार हो शिक्षा हो या राजनीति ।
अन्य वक्ता श्री प्रांजल धर ,सुश्री रोहिणी अग्रवाल , प्रभु जोशी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। डॉ शरद पगारे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की ।परिसंवाद का संचालन श्री बृजमोहन और स्वागत संचालन श्री अरविंद तिवारी ने किया।