निराशाजनक नहीं है जीडीपी —राष्ट्रपति

लोकल इंदौर8 जून । (पी के)राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारतीय अर्थ-व्यवस्था स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि जीडीपी निराशाजनक नहीं है। वर्ष 1951 के दशक में 3.5 प्रतिशत, अस्सी के दशक में 5.5 प्रतिशत और नब्बे के दशक में 6 प्रतिशत की दर से बढ़ी। पिछले दस साल में यह दर 7.9 प्रतिशत से बढ़ी।
इंदौर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के प्रथम दीक्षाँत समारोह को संबोधित कर रहे राष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी उन्मूलन की दिशा में पिछले बीस साल में संतोषजनक काम हुआ है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी में साहस, आत्म-विश्वास और क्षमता की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने उपाधि प्राप्त करने वाले स्नातकों का आव्हान किया कि वे हर दिन और हर समय सीखते रहने की प्रेरणा लें। उन्होंने भविष्य में ज्ञान संपन्न मानव संसाधन की जरूरत को देखते हुए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार की जरूरत बताते हुए कहा कि देश में 2 करोड़ 50 लाख विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और 12वीं योजना में एक करोड़ विद्यार्थी और जुड़ जायेंगे। इसे देखते हुए उच्च शिक्षा संस्थानों का विस्तार पर्याप्त नहीं है। देश में 659 विश्वविद्यालय और 33 हजार कॉलेज हैं। उन्होंने कहा कि जर्मनी में दाखिले का प्रतिशत 21 और अमेरिका में 37 प्रतिशत है जो भारत में सात प्रतिशत है। इसे बढ़ाने के लिये उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा, उच्च शिक्षा तक पहुँच और उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ई-क्लास रूम जैसी सुविधाओं से विद्यार्थी सुदूर बैठे विषय-विशेषज्ञों से व्याख्यान का लाभ ले सकते हैं। श्री मुखर्जी ने उच्च शिक्षा के लिये स्कालरशिप देने की दिशा में और ज्यादा काम करने की जरूरत बताई।
आईआईटी संचालक मंडल के अध्यक्ष श्री अजय पीरामल ने कहा कि वर्तमान अर्थ-व्यवस्था में युवाओं के लिये पर्याप्त अवसर हैं। वे राष्ट्र और विश्व में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।।
राज्यपाल श्री राम नरेश यादव, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री महेन्द्र हार्डिया, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, डॉ. निलेश जैन, संकाय के सदस्य और संस्थान के विद्यार्थी उपस्थित थे।