लोकल इंदौर 22 मार्च, यदि चुनाव की रैली मे किसी भी दल ने किसी भी बच्चे का उपयोग निर्वाचन से संबंधित किसी कार्य जैसे चुनाव प्रचार, चुनाव संबंधी सामग्री ले जाने अथवा अन्य प्रकार से किया तो उस दल और प्रत्याशी के खिलाफ कार्य्वाही की जायेगी
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन कार्य एवं प्रचार में बच्चों का प्रयोग बिलकुल नहीं किया जाना चाहिये। बाल श्रम रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम 1986 के अंतर्गत यह गैर कानूनी है तथा इसके लिये संबंधित को सजा का प्रावधान है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शरद श्रोत्रिय ने बताया कि यदि कोई भी राजनैतिक दल अथवा अभ्यर्थी किसी भी बच्चे का उपयोग निर्वाचन से संबंधित किसी कार्य जैसे चुनाव प्रचार, चुनाव संबंधी सामग्री ले जाने अथवा अन्य प्रकार से करता है,तो उक्त अधिनियम के अंतर्गत वह दंड का पात्र होगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि कानूनी कार्रवाई के अलावा आयोग बच्चों का चुनाव प्रचार में उपयोग करने पर राजनैतिक दल / अभ्यर्थी के विरूद्ध अन्य कार्यवाही भी कर सकता है। जानवरों का प्रयोग भी प्रतिबंधित इसी प्रकार निर्वाचन आयोग ने ये भी निर्देश जारी किये हैं कि चुनाव प्रचार में कोई भी अभ्यर्थी अथवा राजनैतिक दल किसी भी जानवर का इस्तेमाल नहीं करेगा। आयोग ने राजनैतिक दलों तथा अभ्यर्थियों को सुझाव दिया है कि यदि कोई जानवर उनका चुनाव चिन्ह हो तो भी वे किसी भी चुनाव प्रचार अभियान में उसका सीधा प्रदर्शन न करें। चुनाव प्रचार में जानवरों का उपयोग करने पर संबंधित कानून के अंतर्गत सजा का प्रावधान है।