लोकल इंदौर 5 अगस्त । इंदौर के समीप बेटमा में गत वर्ष हुए दो छात्राओं के साथ हुए गेंग रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को 10 .. 10 लाख रूपए मुआवजा देने के कनर्देश देते हुए उन अधिकारियों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज करने को कहा जिन्होनें पीडितों के नाम उजागर किए थे।
मिली जानकारी के अनुसार न्यायमुर्ति आरएम लोढा और जस्टिस मदन बी. लोकुर की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (इंदौर) अरविंद तिवारी द्वारा दायर हलफनामे में पीड़ितों का नाम उजागर करने को भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 228ए के तहत यह अपराध माना है। फरवरी 2012 में बेटमा कस्बे के एक मैदान में 16 लोगों ने दो स्कूली छात्राओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।
पीठ ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा प्रत्येक पीड़िता के लिए निर्धारित दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की राशि बहुत कम है। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार को दोनों छात्राओं को बाकी के आठ-आठ लाख रुपये एक माह के भीतर भुगतान करे।