लोकल इंदौर विशेष 15 जुलाई। वक्त के साथ भले ही गाने पुराने होते जा रहे हो लेकिन पुराने गाने आज भी नए गानों को जबरदस्त टक्कर दे रहे हैं। अपने कर्णप्रिय संगीत और मधुर बोलों के कारण ही ये सदाबहार नगमें आज युवाओ की पंसद बने हुए है । बात गाने सुनने की नहीं सुनाने की है।
एक मोबाइल कंपनी के सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि मोबाइल में हैलोट्यून लगाने वाले लोग आज भी नए के साथ पुराने गानो को पंसद कर रहे हैं।
सर्वे में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि मोबाइल का उपयोग करने वाले 60 प्रतिशत से अधिक व्यक्ति अपने मोबाइल पर हेलोट्यून का उपयोग करते हैं इनमें गीत गजल भजन के अलावा अधिकांश फिल्मी गीतों को ही पंसद करते हैं।इन गीतों में नए के साथ साथ पुराने गीतों का भी लोग उपयोंग करते है।
एयरटेल के पीआरओ पुनित गुप्ता ने बताया कि मध्यप्रदेश छत्तीसगढ में करीब 5 करोड उपभोक्ता है जिनमें से 60 फीसदी उपभोक्ताओं के पास ये सेवा है।उनके अनुसार सर्वाधिक जो ट्यून पंसद करी जाती है। उनमें नए पुराने फिल्मी सांग ही होते हैं।उनके अनुसार यह सेवा क्षेत्रिय भाषाओं में भी उपलब्ध हैं।इधर हाल ही में ट्र्ई द्वारा जारी रिर्पोट में यह तथ्य सामने आया है कि मोबाइल कंपनियों द्वारा प्रदाय की जाने वाली वेल्यू ऐडड सर्विसेस में सबसे ज्यादा हैलोटयून का ही उपयोग किया जाता हैं।गौरतलब है कि कंपनिया इस हेतु फिल्मी गीत भजन गजल और प्रादेशिक गीत संगीत उपलब्ध कराती हैं।
जानकारी के मुताबिक 1970 से लेकर 1990 तक के सदाबहार गीतों को उपभोक्ता अपनी हैलोट्यून बनाते है। वहीं नई फिल्मी गानों को भी उपभोक्ता अपनी ट्यून बनाते है। इस सर्वे में एक और बात भी सामने आई है कि पुराने गीतों को लोग ज्यादा समय तक बरकरार रखते है जबकि नए गानों को लोग कुछ ही दिनों में बदल देते हैं।
कुछ उपभोक्ताओं ने तो इन ट्युन को अपनी पहचान ही बना ली है ।वैसे कहा जाता है कि उपभेक्ताओं के मोबाइल पर बजने वाली ट्युन उसकी शख्सियत को बयॉं कर देती है ।