मुखबिरों से भी फिरोती वसूल रही है बाहरी गैंग

लोकल इंदौर 26 जुलाई .इंदौर में बाहर के गिरोह लूट डकैती और अपहरण का काम कर रहे है और जब इस तरह के कामे में उन्हें मन चाहा पैसा नहीं मिला पाटा तो वो उन स्थानीय लोगो को का अपहरण कर उनसे फिरोती वसूल लेते है . ऐसा ही मामले में महू के एक युवक ने 44 लाख ले कर अपने आप को मुक्त कराया .
बुरहानपुर के एसडीएम सूरज नागर के घर डकैती डालने वाली यूपी, हरियाणा, दिल्ली और चंडीगढ़ की गैंग ने साजिश रचने वाले आरोपियों को भी नहीं बख्शा। वारदात के बाद गैंग ने हिस्सा देने के बहाने से राम सहित तीन आरोपियों को दिल्ली बुलाया और बंधक बनाकर पहले हाथ-पैर तोड़े, फिर कुल 44.10 लाख स्र्पए लेकर उन्हें छोड़ा। राम 11 दिन तक बंधक घरवालों ने मकान और जेवर बेचकर फिरौती के 20 लाख स्र्पए दिए, तभी उसे छोड़ा गया। पुलिस को भी वह महू के अस्पताल में इलाज कराते मिला। वारदात की मास्टर माइंड सीतामऊ (मंदसौर) निवासी हेमलता पिता कुबेरसिंह चौहान इंदौर के देपालपुर रोड स्थित एक घर से मिली। राम ने बताया कि वह महू में उचित मूल्य की दुकान चलाता है और इरफान से दोस्ती थी। 10 दिन तक गैंग द्वारा दिल्ली में बंधक बनाने की दस्ता सुनाई .उसके अनुसार इरफान ने मुझे गैंग के सामने अमानत के तौर पर रखा और खुद स्र्पयों का इंतजाम करने इंदौर आ गया। फिर नहीं लौटा। डकैतों ने मुझे बंधक बनाकर मारपीट की। फिर घरवालों को सूचना दी। जिन्होंने घर व जेवर बेचकर स्र्पयों का इंतजाम दिया और डकैतों को दिया। मुझे 21 जुलाई को उन्होंने छोड़ दिया। इरफान ने इसी बहाने से यतेंद्र, जगदीश को भी बुलाया और फिरौती लेकर छोड़ा। इरफान से भी मारपीट की गई।