लोकल इन्दौरः05 जून, गुरुवार को इन्दौर में एक बडे राजनीतिक घटनक्रम से भारतीय जनता पार्टी में भूचाल आ गया. महपौर कृष्ण मुरारी मोघे ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा वापस लेने के लिए सरकार से लेकर संगठन के वरिष्ठ लोग उन्हें मनाने का प्रयास कर रहें है. इस्तीफे की वजह उनके खिलाफ भाजपा के बडे नेताओं की लामबन्दी बताई जा रही है.महापौर का कहना है कि वे शहर के विकास में बाधक नहीं बना चाहते है.वही महापौर के इस्तीफे के बाद कई एमआईसी मेम्बरों और पार्षदों ने भी इस्तीफा दे दिया.
गौरतलब है कि पिछले दिनों सांसद सुमित्रा महाजन और नागरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा विधायकों और सरकारी अधिकारियों की बैठक ली थी. इस बैठक में शहर की बदहाल स्थिति को लेकर सांसद और मंत्री के सामने विधायकों ने शिकायत की थी कि ना तो अधिकारी उनकी सुनते और ना ही महापौर. कई तीखी टिप्पणियाँ भी बन्द कमरा बैठक में हुई थी. जिसके बाद से ही ऐसा लग रहा था कि कभी भी बडी राजनीतिक उठा-पटक हो सकती है. गुरुवार को महापौर कृष्णमुरारी मोघे नगर निगम पहुंचें और निगम कमिश्नर को अपना इस्तीफा सौंप दिया. महापौर मोघे ने अपने इस्तीफे की वजह शहर विकास में बाधा नहीं बनाने को बताया. महापौर मोघे के इस इस्तीफे की वजह सांसद, मंत्री तथा भाजपा विधायकों के द्वार उठे असंतोष का परिणाम है.
वही महापौर मोघे द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद महापौर समर्थक एमआईसी मेम्बरों और पार्षदों ने भी इस्तीफा दे दिया है. दूसरी ओर उन्हें मनाने के लिए विधायक उषा ठाकुर,मनोज पटेल,शहर भाजपा अध्यक्ष कैलाश शर्मा, संगठन महामंत्री कमल बघेल,इन्दौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शंकर लालवानी सहित कई लोग पहुंचे.