लोकल इंदौर 8 जून । राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज इस बात पर चिन्ता जताई कि विश्व के टॉप २०० यूनिवर्सिटीज में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी को स्थान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत उच्च शिक्षा के मामले में विश्व में नंबर एक था। नालन्दा और तक्षशिला इसका उदाहरण थे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटीआई) इंदौर के पहले दीक्षांत समारोह में 101 छात्रों को डिग्रियों का वितरण करते हुए छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अब विना अपने टीचर्स के सहयोग से देश के विकास मे अपना योगदान दे । इस अवसर पर टापर छात्र अंकित अग्रवाल को 20 ग्राम सोने का मेडल भी दिया । राष्ट्रपति ने देश की विगत दस वर्षो में हुई प्रगति और विकास दर पर संतोष भी जताया ।
इसके पूर्व राष्ट्रपति श्री मुखर्जी के भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से प्रात: 10.50 बजे इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर विमानतल पहुँचने पर उनका आत्मीय स्वागत किया गया। राष्ट्रपति श्री मुखर्जी के साथ प्रदेश के राज्यपाल श्री रामनरेश यादव भी इंदौर आये ।
इंदौर विमानतल पर राज्य शासन के प्रतिनिधि के रूप में प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्यमंत्री श्री महेन्द्र हार्डिया ने राष्ट्रपतिजी की आगवानी की। राष्ट्रपति श्री मुखर्जी का इंदौर के महापौर श्री कृष्णमुरारी मोघे, विधायक श्री अश्विन जोशी, विधायक श्री तुलसी सिलावट, इन्फेंट्री स्कूल महू के कमाण्डेंट लेफ्टनेंट जनरल ए.एस.नन्दल, इंदौर राजस्व संभाग के कमिश्नर श्री संजय दुबे, इंदौर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री विपिन माहेश्वरी ने आत्मीय स्वागत किया ।