लोकल इंदौर 18 अक्टूबर । इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के स्टार प्रचारक ज्यातिर्रादित्य सिंधिया को ऐसी विधानसभा से चुनाव लडाने की तैयारी है जहॉं से कभी कांग्रेस जीती ही नहीं?
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में दस साल तक बतौर मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने इस बार फिर से अपने दांव –पेच दिखाना शुरु कर दिये हैं. खबर तो यह है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर कांतिलाल भूरिया जैसे अपने खास को पदस्थ करा कर ही दिग्गी राजा ने अपने खेल की शुरुआत कर दी थी. राहुल गाँधी भले ही ज्योतिरादित्य सिन्धिया को प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में शिवराज के सामने लाने को बेताब लोकल इंदौर विशेष हो मगर दिग्विजय सिंह ऐसा नहीं चाहते. यही कारण है कि ग्वालियर में राहुल गांधी ज्योतिरादित्य को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकें. जब तक ज्योतिरादित्य सिन्धिया और उनके खेमे के लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही एक और तीर कांग्रेस में चल चुका है. अब यह कहा जा रहा है कि यदि ज्योतिरादित्य सिन्धिया को मुख्यमंत्री बनाना है तो उन्हें विधा नसभा चुनाव लडाया जाय. इसके पीछे का गणित यह बताया जा रहा है कि इससे जमीनी आदमी बनाम महाराज की लडाई से निपटा जा सकता है. लेकिन खेल कुछ और ही है. अगर सिन्धिया इसके राजी होते है तो उन्हें मालवा के उस सीट से चुनाव लडाने के लिए कहा जायेगा जहाँ से कांग्रेस कभी नहीं जीत नही सकी है. इस गाणित का फार्मूला लाने वाले कांग्रेसी यह भी कह रहे है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाना है तो उन सभी बडे नेताओं को भी चुनाव लडाया जायें जो अपने बेटो या अपने खास लोगों के लिए टिकट मांग रहे है.