लोकल इंदौर 15 सितम्बर .अगर नोटों की बात की जाए तो भारत में 500 रुपए के नोट सबसे ज्यादा डिमांड में हैं। इस मामले में वो 1000 के नोट से भी आगे निकल गया है। 1,000 रुपए के नोट का नंबर दो है। इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम की स्टडी में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट को कॉस्ट ऑफ लिविंग के आधार पर तैयार किया गया है।
इस्तेमाल या बाजार में मौजूद कुल नोटों में से 46 प्रतिशत 500 रुपये के नोट हैं। 39.3 प्रतिशत के साथ मांग के मामले में 1,000 रुपये का नोट दूसरे नंबर पर है। यह आंकड़ा मार्च, 2015 तक का है।

भारत में करेंसी नोटों में सबसे अधिक मांग 500 रुपये के नोट की है। उसके बाद 1,000 रुपये के नोट का नंबर आता है।
अगर रिपोर्ट की मानें तो घरेलू महिलाएं घर से बाहर निकलते समय 500 का नोट लेकर निकलती हैं। मध्यम वर्ग के लोग तो सब्जी, चाय, कॉफी जैसी चीजों पर 500 का नोट खर्च कर रहे हैं। इस्तेमाल या बाजार में मौजूद कुल नोटों में से 46 प्रतिशत नोट 500 रुपए के हैं।
100 रु. के नोट की परचेजिंग पावर हुई कम
एसोचैम ने आरबीआई से मिले डाटा के आधार पर कहा कि 100 रुपए के नोटों की हिस्सेदारी महज 10.5 फीसदी है। इससे उसकी परचेजिंग पावर में कमी का पता चलता है।