आह अंग्रेजी यह तूने क्या किया l जो थी पुरखों की कमाई लियाll बदल दी दुनिया, बदल गए मौसम l तेरी फितरत में उलझ गए हम ll
कभी पत्नी थी फिर वह बीवी भी थी l जिस्म से लिपटी हुई टीबी भी थी ll जब से बदले ख्याल वाइफ हो गयी l जिंदगी थी अब वह लाइफ हो गई ll
खा गई तहजीब अंग्रेजी मुई l पुश्तों की सब खासियत गायब हुई ll कभी जो मां थी वह मम्मी हो गई l शारदा माई अब शम्मी हो गई ll
पुत्र पुत्री बाबा बेबी हो गए l जीजा साली ब्रदर इन लॉ हो गए l जल जो जीवन था वह वाटर हो गया l अपना तो जीते जी मर्डर हो गया ll
धोती कुर्ता का गया हो स्वर्गवास l हमको जचने लगा अंग्रेजी लिबास ll क्या कहें मगरिब ने क्या ढाया सितम l मशरिकी लोगों के हो गए होश गुम ll
जो था भारत वह हो गया इंडिया l नारी बनकर खेलता है डांडिया ll बंधु यह आजादी लेकर क्या करें l अपनी छाती आप ही पीटा करें ll
दिलीप मिश्रा बंधू 93293 83048