लोकल इंदौर 24 अप्रैल। इंदौर में लाक डाउन के चलते विगत एक माह में 22,000 करोड़ का कारोबारी नुक्सान हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार बैंकों में 9000 करोड़ का टर्नओवर नहीं हुआ। तो वही एक माह में कपड़ा कारोबार करने वाले व्यापारियों को 80 करोड़ का घाटा हुआ है। इसके अलावा प्रॉपर्टी कारोबार में सरकार को इंदौर से 400 करोड़ का घाटा हुआ है। इंदौर में मार्च माह में 3000 रजीस्ट्रियाँ होती थी जो नहीं हुई। यही स्थिति किराना कारोबार में रही है। होटल रेस्टोरेंट को भी करोड़ो का घाटा हुआ है 5लाख से अधिक वेतन भोगीयोन और मजदूरों को मजदूरी भी नहीं मिली है .
एक्सपर्ट की राय:
लोकल इंदौर को इस बारे में एक्सपर्ट के रूप में दैनिक दोपहर के सम्पादक नवनीत शुक्ला की टिप्पणी
कपड़ा व्यापारी एसोसिएशन के मुखिया हंसराज जैन के अनुसार फरवरी से मार्च के बीच कपड़ा कारोबार का त्योहारी सीजन रहता है इस समय इंदौर में प्रतिदिन डेढ़ सौ से ₹200 का कारोबार होता है। इंदौर शहर में 5000 गुमास्ता लाइसेंस कपड़ा कारोबारियों से संबंधित है इनके अलावा 1000 हम्माल ,200 दलाल 100 एजेंट और 1250 व्यापारी पंजीकृत है सभी ने कोई भी व्यापार नहीं किया इस मान से कपड़ा व्यापार को 75 करोड़ का व्यापार घाटा हुआ है। इसके अलावा सरकार को इंदौर में रजिस्ट्रेशन से 14 से करोड़ों का टारगेट दिया गया था अभी भी चार सौ करोड़ का घाटा इन्दौर को उठाना पड़ा है. कुल २२ हजार करोड़ का कारोबारी घाटा केवल इंदौर से ही अनुमानित है।
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