कोरोना महामारी से जूझ रहे विश्व के लिए एक अच्छी खबर है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के खिलाफ नेजल स्प्रे यानी नाक से दी जाने वाली दवा का सफल परीक्षण किया गया है। दूसरे चरण के परीक्षण में यह दवा 95 फीसदी तक कारगर पाई गई है। भारत में कोरोना वाटारस के खिलाफ स्वदेशी टीका कोवैक्सीन विकसित करने वाली भारत बाटोटेक नेजल दवा का परीक्षण कर रही है।
कनाडा की बायोटेक कंपनी सैनओटाइज और ब्रिटेन के सेंट पीटर हॉस्पिटल एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट ने सैनओटाइज की नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्पे (एनओएनएस) के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्राटाल के नतीजे का ऐलान किया है। इसमें पाया गया कि यह नेजल स्प्रे न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोक सकता है, संक्रमण की अवधि को कम कर सकता और लक्षणों की गंभीरता और संक्रमित हो चुके लोगों में नुकसान को कम कर सकता है। कंपनी ब्रिटेन, कनाडा और अन्य देशों में इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगने की तैयारी में है। रिपोर्ट के मुताबिक इस स्प्रे का कोरोना वायरस से संक्रमित 79 लोगों पर दूसरे चरण का परीक्षण किया गया।
इसमें पाया गया कि शुरुआतीचरणों में ही गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों में यह दवा कोरोना वायरस की मात्रा को कम करने में कारगर रही यह दवा देने के24 घंटे के भीतर संक्रमितों में वायरस की मात्रा में 95% फीसदी की देखी गई।जबकि 72 घंटे के भीतर वायरस लोड में 99% की कमी आई .इन मरीजों में ज्यादातर ब्रिटेन में पाए गए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित थे, जो दुनियाभर में गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। इसके अलावा सात हजार से अधिक लोगों ने खुद से इस दवा का इस्तेमाल किया था। इनमें से किसी में प्रतिकूल प्रभाव के लक्षण नजर नहीं आए। इस ट्रायल के मुख्य अन्वेषक और कंसल्टेंट विषाणु विज्ञानी डॉ. सदी स्टीफेन विनचेस्टर ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में यह दवा क्रांतिकारी साबित हो सकती है। इस नेजल स्प्रे को लेना और कहीं भी ले जाना आसान है। यह कोरोना वायरस प्रसार को भी बहुत हद तक कम करती है। सभार जागरण भोपाल