लोकल इंदौर 20 दिसम्बर । इंदौर में अनेक ऐसे लोग है जो अपनी जान की परवाह किये बिना लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं . ऐसे ही लोगों में शामिल है इंदौर के एक डॉक्टर दम्पत्ति, जिसने पूरे करोना काल में अपनी और अपने परिवार की चिंता किये बगैर उन मरीजों को इलाज मुहैय्या कराया जो इस बात से डर रहे थे कि कोरोना कहीं उनको अपनी गिरफ्त में न ले ले |
इस दम्पत्ति का नाम है डॉ. मोहम्मद अखील और उनकी धर्म पत्नी डॉ. अश्मी वाधवानीया। इंदौर शहर के प्रसिद्ध डॉ. मोहम्मद अखील कैंसर विशेषज्ञ है और उनकी पत्नी डॉ. अश्मी वाधवानीया ओरल एंड मैक्स्लोफैशियल सर्जन है। इंदौर के सभी बड़े बड़े हॉस्पिटल में अपनी सेवाएँ देने वाले डॉ. मोहम्मद अखील समय -समय पर भिन्न भिन्न शहरों में निशुल्क हेड एंड नेक कैंसर परिक्षण कैंप लगते है। साथ ही स्वयं के इंदौर के चेतक सेंटर में केयर एंड क्योर क्लिनिक पर मरीजों का इलाज़ करते है। वे बताते हैं कि करोना काल में हमने पूरी सावधानियां अपना कर अपने मरीजों का इलाज़ किया। इस अवधि में इंदौर के आस पास के शहरों के मरीज जिनमे कैंसर के जो फोर्थ स्टेज के मरीज़ थे ,इंदौर में लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इंदौर इलाज हेतु आने से डर रहे थे,उन्हें हमने पूरा विश्वाश दिलाया और इंदौर बुला कर पूरी सावधानी के साथ उनका इलाज़ किया .
कोरोना काल में काम करने की प्रणाली पर चर्चा करते हुए डॉ.अखील ने बताते हैं कि कोरोना काल में हर समय फिल्ड में रहना होता था, पता नहीं होता था कि हॉस्पिटल में आने वाला कौन सा मरीज कोरोना पॉजिटिव है कौन सा नहीं ! मैं और मेरी पूरी टीम सुरक्षा साधनों का उपयोग करके मरीज़ों का इलाज करते थे | हमारा उद्देश केवल मरीज का इलाज करना ही नहीं बल्कि मरीजों के साथ एक आत्मीय संबंध बना कर उन्हें सहज महसूस करवाना होता है | वैसे ही कैंसर जैसे बीमारी में मरीज को उसके आत्म विश्वाश के प्रति प्रोत्साहित कर सकारात्मकता की आवश्यकता होती है .हमारी टीम ने यही किया उनके भीतर जो कोरोना का डर था उसे भी, सावधानी अपनाने की सलाह के साथ दूर किया .मरीज इंदौर भी आये और अपना इलाज़ कराया . यही हमारी उपलब्धि थी की हम मरीज की मनोदशा से जुड़ गए थे।
कैंसर को ले कर डॉ. अकील का मानना है कि इस बीमारी का इलाज संभव है , बशर्ते इसे पहली अवस्थाओं में ही इलाज़ शुरू कर दिया जाय। कई लोग इस बीमारी अच्छे हुए है। इंदौर में ही अनेक व्यक्ति हैं, जिन्होंने इलाज और अपनी इच्छशक्ति से इससे पार पाया है। तम्बाकू से होने वाले गंभीर रोगों के बारे में बात करते हुए डॉ. अखील कहते हैं कि आज की युवा पीढ़ी को नशे की लत से दूर रहना चाहिए, नशा कैसा भी हो वो सदैव नुकसानदायक ही होता है।
सावधानी ही सुरक्षा
कोरोना को ले कर प्रसिद्ध हेड एंड नेक कैंसर सर्जन डॉ मोहम्मद अखील कामानना है कि अभी भी कोरोना को ले कर सावधानी अपनाने की आवश्यकता है .कोरोना का कहर अभी भी जारी है, लेकिन लोग बेखोफ घर से बाहर मॉल, बाजार, सड़कों पर घूम रहे हैं। सावधानी की परवाह किये बिना झुंड बना कर तफरी कर रहे हैं और यही कारण है कि मरीजों की संख्या कम नहीं हो पा रही है। पुलिस प्रशासन और नगर निगम कर्मचारी कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे हैं लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद आम लोग सावधानी नहीं रख रहे हैं। वैक्सीन आने की खबर के बाद लोगों में थोड़ी लापरवाही भी बढ़ी है लेकिन हमें अपनी सुरक्षा खुद करना चाहिए। बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। लगातार मास्क पहनकर रखें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और हाथ धोते रहें। कोरोना का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों पर हुआ है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कई बुजुर्ग आसानी से इसका शिकार हो जाते हैं और बीमारी से लड़ भी नहीं पाते। लेकिन सही समय पर अच्छा इलाज मिले तो उन्हें बचाना भी मुमकिन है।