भारत ही नहीं साल 2020 पूरे विश्व लिए अशुभता लेकर आया है। यह साल अनिष्टकारी है। कोराना महामारी, पड़ौसी देशों से मनमुटाव, विमान हादसे, बाढ़, भूकंप, लेबनान में विस्फोट सहित कई दुर्घटनाएं अभी तक हो चुकी हैं। विश्व की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है! अभी साल के 7 महीने बीते हैं और 5 महीने बाकी हैं।
जानते हैं 2020 का आने वाला समय ज्योतिष गणना के मुताबिक कैसा :
वर्ष 2020 की कुंडली कन्या लग्न की है। कुडंली के पांचवे भाव में पंचगृही योग है। इस भाव में शुभ अशुभ ग्रहों की स्थिति होने के कारण पूरी दुनिया में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। सूर्य, बुध, गुरू, केतु और शनि की उपस्थिति के कारण बुधादित्य योग, बुध गुरू का शुभ योग, गुरूवादित्य योग के साथ ही सूर्य-शनि योग, सूर्य-बुध-केतु योग, गुरू-चाडांल योग जैसे अशुभ योग का निर्माण भी हो रहा है।
बुधादित्य योग, गुरूवादित्य योग, बुध गुरू शुभ योगों के कारण आशातीत सफलता, तार्किकमति, सफल राजनेता और मान प्रतिष्ठा दिलाती है। साथ ही बुध गुरू योग ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है! इसलिए विध्वंसक स्थिति से भारत और अन्य देश बचे हुए हैं।
वर्ष 2020 की कुंडली कन्या लग्न की है। कुडंली के पांचवे भाव में पंचगृही योग है। इस भाव में शुभ अशुभ ग्रहों की स्थिति होने के कारण पूरी दुनिया में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। सूर्य, बुध, गुरू, केतु और शनि की उपस्थिति के कारण बुधादित्य योग, बुध गुरू का शुभ योग, गुरूवादित्य योग के साथ ही सूर्य-शनि योग, सूर्य-बुध-केतु योग, गुरू-चाडांल योग जैसे अशुभ योग का निर्माण भी हो रहा है।
बुधादित्य योग, गुरूवादित्य योग, बुध गुरू शुभ योगों के कारण आशातीत सफलता, तार्किकमति, सफल राजनेता और मान प्रतिष्ठा दिलाती है। साथ ही बुध गुरू योग ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है! इसलिए विध्वंसक स्थिति से भारत और अन्य देश बचे हुए हैं।
सूर्य शनि योग, सूर्य बुध केतु योग, गुरू-चांडाल योग : सूर्य शनि योग काफी बुरे फल देता है। सूर्य प्रकाश देता है, शनि अंधेरे का प्रतीक होकर प्रकाश समाप्त कर देता है और आपसी विरोध करवाता है। शनि केतु करियर आजीविका पर असर डालता है, वहीं सूर्य बुध केतु दुखद और कष्टकारी परिस्थिति का निर्माण करता है। गुरू-चाडांल योग से जातक का चरित्र भ्रष्ट हो जाता है और ये अनैतिक, अवैध कार्य कराता है। इन योगों के कारण पूरे विश्व में तनाव का माहौल निर्मित हुआ। प्राकृतिक आपदा, हादसों, अशुभ योगों के असर के कारण पूरे विश्व में कोरोना महामारी का विस्तार होकर लाखों लोग इसमें अपनी जान गंवाने में निरंतर वृद्धि हो रही है। शुभ योग से तीसरे विश्व युद्ध की टकराहट रोकने में मदद जरूर मिल रही है! लेकिन, कुछ देशों की टकराहट रोकने में सफलता मिलने में भ्रम उत्पन्न हो रहा है। पूरे विश्व में आगामी समय में भूकंप, बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी। काफी जनहानि भी संभव है।
2020 भारत के लिए श्रेष्ठ नहीं : वृषभ लग्न के कारण भारत एक शांतिप्रिय देश है, जो सबको साथ लेकर चलने वाला मेहनती आसानी से मित्र बनाने वाला अनेक प्रकार से प्रताडना झेलने वाला है। पुरा विश्व इन दिनों महामारी से ग्रस्त है और भारत भी इससे अछूता नहीं है! वर्तमान समय में भारत की पत्रिका में चंद्र की दशा में शनि की अन्तर्दशा विष योग का निर्माण कर रही है। इसके कारण देश में महामारी का खतरा बढ़ता जाएगा और काफी कोशिशों के बाद भी आशातीत सफलता आसानी से प्राप्त नहीं हो पाएगी। आने वाले दिनों में भी ये संकट गहराता जाएगा। भारत को इस महादशा में जबर्दस्त शारीरिक और आर्थिक संकटों के साथ ही चोरी, लूट जैसी अराजक स्थितियों का सामना भी करना पड सकता है। आशय यह कि इस योग के कारण भारत को सभी तरह के जबर्दस्त संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
2020 भारत के लिए श्रेष्ठ नहीं : वृषभ लग्न के कारण भारत एक शांतिप्रिय देश है, जो सबको साथ लेकर चलने वाला मेहनती आसानी से मित्र बनाने वाला अनेक प्रकार से प्रताडना झेलने वाला है। पुरा विश्व इन दिनों महामारी से ग्रस्त है और भारत भी इससे अछूता नहीं है! वर्तमान समय में भारत की पत्रिका में चंद्र की दशा में शनि की अन्तर्दशा विष योग का निर्माण कर रही है। इसके कारण देश में महामारी का खतरा बढ़ता जाएगा और काफी कोशिशों के बाद भी आशातीत सफलता आसानी से प्राप्त नहीं हो पाएगी। आने वाले दिनों में भी ये संकट गहराता जाएगा। भारत को इस महादशा में जबर्दस्त शारीरिक और आर्थिक संकटों के साथ ही चोरी, लूट जैसी अराजक स्थितियों का सामना भी करना पड सकता है। आशय यह कि इस योग के कारण भारत को सभी तरह के जबर्दस्त संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
भारत, चीन और अमेरिका 2020
चीन 2020 में : वर्तमान समय में फरवरी 2020 से राहु में चन्द्र की दशा चल रही है, जो अगस्त 2021 तक चलेगी। इस दशा में आकस्मिक संकट व जनपीड़ा उत्पन्न होगी, धन का नाश, मृत्युतुल्य कष्ट की स्थिति उत्पन्न होगी। 19 जुलाई 2020 से 27 दिसंबर 2020 तक चीन को अपयश, निंदा का सामना करना पड़ेगा। वहीं गुरू व शनि का प्रत्यतंर आते ही चीन अपनी मर्यादा भुलकर जमी-जमाई इज्जत, पूंजी को नष्ट कर सकता है। इस दौरान वह विध्वंसरोधी कार्य कर सकता है। वह किसी को मारने से भी नहीं हिचकेगा! ऐसा कहा जा सकता है कि जो किसी को बर्बाद करने आता है, वह बर्बाद होकर जाता है। लेकिन, स्वराशि के गुरू के कारण वह इसके परिणाम पर विचार कर सकता है।
भारत-राहु में मंगल : वर्तमान समय में 16 अप्रैल 2020 की कुंडली में भारत की दृष्टि से देखा जाए तो राहु में मंगल की दशा चल रही है, जो दिसंबर 2020 तक रहेगी। इस दशा में विश्व के कुछ देशों से आपसी मतभेद से पीड़ा होने की आशंका है। आमजन को,शासन व अग्नि से भय, शारीरिक पीडा व परम मित्रों से भी पीडा होने की संभावना बनी रहती है।
अमेरिका- गुरू में बुध : अमेरिका की दृष्टि से देखा जाए तो 2020 की जन्मकुंडली में गुरू में बुध का अंतर चल रहा है, जो काफी शुभ है। वैश्विक स्तर पर एक बार फिर अमेरिका सिरमौर होगा। इस अवधि में पुरा विश्व आर्थिक संकटो से जुझेगा, वहीं अमेरिका इससे निजात पाएगा और चतुराई से अपनी चाल को अंजाम देगा।
2020 भारत के लिए श्रेष्ठ नहीं : वृषभ लग्न के कारण भारत एक शांतिप्रिय सबको साथ लेकर चलने वाला मेहनती आसानी से मित्र बनाने वाला अनेक प्रकार से प्रताडना झेलने वाला देश है।
भारत-राहु में मंगल : वर्तमान समय में 16 अप्रैल 2020 की कुंडली में भारत की दृष्टि से देखा जाए तो राहु में मंगल की दशा चल रही है, जो दिसंबर 2020 तक रहेगी। इस दशा में विश्व के कुछ देशों से आपसी मतभेद से पीड़ा होने की आशंका है। आमजन को,शासन व अग्नि से भय, शारीरिक पीडा व परम मित्रों से भी पीडा होने की संभावना बनी रहती है।
अमेरिका- गुरू में बुध : अमेरिका की दृष्टि से देखा जाए तो 2020 की जन्मकुंडली में गुरू में बुध का अंतर चल रहा है, जो काफी शुभ है। वैश्विक स्तर पर एक बार फिर अमेरिका सिरमौर होगा। इस अवधि में पुरा विश्व आर्थिक संकटो से जुझेगा, वहीं अमेरिका इससे निजात पाएगा और चतुराई से अपनी चाल को अंजाम देगा।
2020 भारत के लिए श्रेष्ठ नहीं : वृषभ लग्न के कारण भारत एक शांतिप्रिय सबको साथ लेकर चलने वाला मेहनती आसानी से मित्र बनाने वाला अनेक प्रकार से प्रताडना झेलने वाला देश है।
दिसंबर माह तक भारत की स्थिति
कोरोना : कोरोना महामारी से इतनी आसानी से देश को इतनी जल्दी छुटकारा। महामारी और ज्यादा बढ़ने की संभावना होगी और सितंबर 2021 तक ही इस महामारी से पूरी तरह निजात मिलने की संभावना है।
चीन व पडोसी देश : चीन व पडोसी देश अगस्त से दिसंबर तक विशेषकर अक्टूबर तक विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि चीन व भारत के मित्र देश धोखा देकर भारत पर हमला भी कर सकते हैं। युद्ध की स्थिति भी निर्मित हो सकती है।
आर्थिक स्थिति : वर्तमान समय में भारत की आर्थिक का संकट और ज्यादा गहराएगा। आगामी समय में स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है।
राजनीतिक स्थिति : सरकार की लोकप्रियता में कमी आ सकती है। उसे अनेक प्रकार से आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है! लेकिन, विपरीत परीस्थितियों में जनता सरकार के साथ खडी रहेगी, भारत के लिए यह सुखद बात हो सकती है।
भारत की जन्मकुडंली में चल रहे विषयोग से निजात मिलना आगामी 11 माह तक संभव नहीं है! साथ ही 2020 की पत्रिका में चल रही राहू की महादशा में मंगल का अंतर जख्म पर नमक डालने जैसा है। भारत को अच्छे समय के लिए इंतजार करना होगा। भारत और चीन के बीच टकराव या तीसरे विश्ववयुद्ध की आहट को रोकने या अंजाम देने में अमेरिका की भूमिका निर्णायक होगी। 2020 की पत्रिका में चल रही शुभ गुरू की दशा से अमेरीका हर स्थिति में फायदेमंद हो सकता है और इस पर विचार करके ही वह निर्णय करने के स्थिति में होगा।
कोरोना : कोरोना महामारी से इतनी आसानी से देश को इतनी जल्दी छुटकारा। महामारी और ज्यादा बढ़ने की संभावना होगी और सितंबर 2021 तक ही इस महामारी से पूरी तरह निजात मिलने की संभावना है।
चीन व पडोसी देश : चीन व पडोसी देश अगस्त से दिसंबर तक विशेषकर अक्टूबर तक विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि चीन व भारत के मित्र देश धोखा देकर भारत पर हमला भी कर सकते हैं। युद्ध की स्थिति भी निर्मित हो सकती है।
आर्थिक स्थिति : वर्तमान समय में भारत की आर्थिक का संकट और ज्यादा गहराएगा। आगामी समय में स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है।
राजनीतिक स्थिति : सरकार की लोकप्रियता में कमी आ सकती है। उसे अनेक प्रकार से आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है! लेकिन, विपरीत परीस्थितियों में जनता सरकार के साथ खडी रहेगी, भारत के लिए यह सुखद बात हो सकती है।
भारत की जन्मकुडंली में चल रहे विषयोग से निजात मिलना आगामी 11 माह तक संभव नहीं है! साथ ही 2020 की पत्रिका में चल रही राहू की महादशा में मंगल का अंतर जख्म पर नमक डालने जैसा है। भारत को अच्छे समय के लिए इंतजार करना होगा। भारत और चीन के बीच टकराव या तीसरे विश्ववयुद्ध की आहट को रोकने या अंजाम देने में अमेरिका की भूमिका निर्णायक होगी। 2020 की पत्रिका में चल रही शुभ गुरू की दशा से अमेरीका हर स्थिति में फायदेमंद हो सकता है और इस पर विचार करके ही वह निर्णय करने के स्थिति में होगा।
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पंडित अजय शर्मा
संपर्क : 9893066604
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