लोकल इंदौर १६ फरवरी। विदेशों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति दिलाने के लिए इंदौर में कई गिरोह संचालित हो रहे हैं। गिरोह से जुड़ेलोग कुछ आला अफसरों के जरिए छात्रवृत्ति जारी करने के लिए दबाव बनवाते हैं। छात्र जितनी राशि मांगते हैं, कई बार उससे ज्यादाकी स्वीकृति प्रदान कर दी जाती है। ये अतिरिक्त राशि गिरोह रखता है।
इसके खुलासे के साथ पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंयक कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेटर रहे एचबी सिंह ने कई ओर
अहम और सनसनीखेज खुलासे किए हैं। भोपालके एक अखबार के अनुसार एचबी सिंह ने यह खुलासा लोकायुत
संगठन पुलिस की पूछताछ में किया है।
लोकायुत पुलिस की टीम ने 28 जनवरी को एचबी सिंह को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई सतपुड़ा भवन परिसर में मेहगांव के किसान नेता वल्लभ पाटीदार की शिकायत पर की गई थी। उनका बेटा हेमंत पाटीदार एरिजोना यूनिवर्सिटी फिनिस सिटी यूएसए में पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई के लिए सरकार छात्रवृत्ति
देती है। उसके लिए हेमंत ने विभाग में आवेदन दिया था और एक हजार डालर की छात्रवृत्ति दिए जाने की मांग की थी। तब एचबी सिंह ने छात्र से कहा था कि पांच हजार डालर की छात्रवृत्ति स्वीकृत कर दूंगा, चार हजार डालर मुझे दे देना।
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उसी की पहली किश्त के तौर पर 25 हजार रुपए लेतेसिंह गिरफ्तार हुए थे। रंगेहाथ गिरफ्तारी से पहले लोकायुत पुलिस फरियादी के जरिए आरोपी की वाइस रिकार्डिंग कराती है। उस रिकार्डिंग में एचबी सिंह साफ-साफ कहते सुने जा रहे हैं कि यह रिश्वत हम अकेले नहीं खाते हैं। हमसे हमारा अधिकारी (एक आला अफसर का पद नाम लेकर) भी पैसा
मांगता है और हमें देना पड़ता है। उसी रिकार्डिंग के आधार पर पुलिसने सिंह को पूछताछ के लिए तलब किया था। सिंह ने बताया कि किसी भी छात्र को विदेश में पढऩे के लिए छात्रवृत्ति देने की हम सिफारिश करते हैं। उस पर अंतिम
फैसला समिति करती है। समिति तय करती है कि छात्रवृत्ति किसे देना है और किसे नहीं।
इंदौर में छात्रवृत्ति दिलाने को लेकर एक बड़ा गिरोह
उन्होंने कहा कि इसका गढ़ इंदौर है। इंदौर में छात्रवृत्ति दिलाने को लेकर एक बड़ा गिरोह संचालित किया जा रहा है। यह गिरोह नीरजनाम का एक बंदा चलाता है। नीरज सहित गिरोह के दूसरे सदस्य प्रदेश के कुछ आला अफसरों से जुड़े हुए हैं। उनके जरिए जारी करने के लिए प्रेशर बनवाते हैं। सिंह ने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए आवेदन बहुत सारे छात्र करते हैं, लेकिन छात्रवृत्ति बहुत कम लोगों को प्रदान की जाती है। इसलिए गिरोह के सदस्य उनसे कमीशन लेकर काम करते हैं। कमीशन के फेर में छात्र जितनी राशि मांगते हैं, कई बार उससे ज्यादा की स्वीकृति प्रदान कर दी जाती है। पुलिस ने अभी तक उन नामों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्दी कुछ लोगों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
अफसरों का कहना है कि गिरोह से जुड़े लोगों की सूचना जिला पुलिस को भी देने की तैयारी है। देखना होगा कि गिरोह से जुड़े अफसर यह कार्रवाई होने देते हैं या उस परभी अड़ंगा लगाने की कोशिश करते है