लोकल इंदौर ११ मार्च . मां-बाप से बिछड़कर पाकिस्तान पहुंचने और फिर भारत वापसी को लेकर कभी सुर्खियों में रही मूक-बधिर गीता को आखिरकार उसको जन्म देने वाली मां मिल ही गई है. इसका खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि उसकी पाकिस्तान में उसको अपनी बेटी की तरह पालने वाली बिल्किस इधी ने किया है.
इधी फाउंडेशन के संस्थापक दिवंगत अब्दुल सत्तार इधी की पत्नी और फाउंडेशन की संचालिका बिल्किस इधी ने इस संबंध में पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन को जानकारी देते हुए बताया कि गीता (29 वर्ष) का उनसे अभी भी संपर्क होते रहता है. गीता ने इस सप्ताह बताया कि उसे महाराष्ट्र में रहने वाली अपनी वास्तविक मां मिल गई है. उन्होंने बताया कि गीता का वास्तविक नाम राधा वाघमारे है, और उसे उसकी मां महाराष्ट्र के नागांव गांव में मिली है. उसकी मां का नाम मीना है, गीता के जैविक पिता सुधारक वाघमारे की मौत के बाद मीना ने दूसरी शादी करने के बाद उनके साथ औरंगाबाद में रहती है.
राधा फातिमा और गीता
गीता 11-12 साल की उम्र में गलती से भारत-पाकिस्तान की सीमा पार कर कराची तक पहुंच गई थी. कराची में उसे इधी फाउंडेशन चलाने वाले इधी परिवार ने उसे तब से शरण दी थी. पहले पहल इधी परिवार ने उसे फातिमा नाम दिया था, लेकिन जब उन्हें पता चला कि लड़की हिन्दू है तो उसका नाम गीता रखा था
गीता को स्वर्गीय विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज अपनी बेटी मानती थी और उसे इंदौर के एक मूक बधिर संस्थान में रखा गया था जहां से उसके मातापिता को खोजने की कवायद की जा रही थी .