लोकल इंदौर। 1 फरवरी । {नरेश भगोरिया }विदेशी फल कहे जाने वाले ड्रैगन फ्रूट अब इंदौर जिले में ही पैदा होने लगे है। इंदौर के एक किसान ने 3 साल की कडी मेहनत के बाद इंदौर में मध्य अमेरिका के फल ‘ड्रैगन फ्रूट’ की खेती शुरू की है। इसका सफल उत्पादन कर लिया है। अब वह इसका रकबा बढाने की तैयारी में है।
महू के पास कोदरिया में रहने वाले किसान महेश सुले ने बताया कि मुझे अपने एक दोस्त ने इस बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद मैंने गुजरात से पौधे मंगाए और एक एकड जमीन में लगा दिए। पोल के सहारे यह पौधे बढे हो गए और ढाई साल बाद मुझे 700 फल मिले है,जो बाजार में 80 से 120 रूपये प्रतिनग में बिक गए। सूले ने बताया कि पहले साल की लागत 6 से 7 लाख रुपये की आई है। लेकिन अगले साल से लागत केवल पौधे की कीमत की ही आती है। जिससे ज्यादा मुनाफा हो जाएगा। इसके लिए वे रकबा बढा रहे है । इसके लिए पौधे लेने जाने के लिए मुझे गुजरात भी नहीं जाना होगा । सेंधवा में रहने वाले डॉक्टर गंगाराम सिंगोरिया ने इसके 1 लाख पौधे तैयार कर दिए है। जिन्हें वे 15 से 20 रुपये नग में बेच रहे है।
गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने इस ड्रैगन फ्रूट का नाम बदल कर कमलम कर दिया है। यह मूल रुप से अमेरिका,वियतनाम और थाईलैंड में पैदा होने वाला फल है। जिसमें कई पोषक तत्व होते है।
कैक्टस बेल है “ड्रैगन फ्रूट”
“ड्रैगन फ्रूट एक प्रकार की कैक्टस बेल है। एक पौधे से 8 से 10 फल प्राप्त होते हैं।”कैक्टस प्रजाति का होने के कारण ड्रैगन फ्रूट को पानी की कम ही जरुरत पड़ती है। इसमें चरने या कीड़ों लगने का जोखिम भी नहीं है।गुलाबी रंग का स्वादिष्ट फल ड्रैगन फ्रूट सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसमें काफी मात्रा में एंटीऑक्सी डेंट के गुण मौजूद होते हैं। इसके अलावा विटामिन सी, प्रोटीन और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका फल कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल, कोशिकाओं और ह्रदय की सुरक्षा के साथ फाइबर से भरपूर होता है। इस फल का प्रयोग कई बीमारियों में लाभदायक माना गया है।