लोकल इंदौर ११ जून /पुलिस ने शहर में आज एक इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया।कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले 75 आरोपीगण को जेल भेजा गया है .जबकि ३ आरोपियों को १४ जून तक पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिया गया .
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख ने बताया कि न्यायालय श्रीमती विनीता गुप्ता, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला इंदौर के न्यायालय में थाना सायबर सेल ने गिरफ्तारशुदा आरोपीगण शाहरूख खान, भाविन, जावेद सहित कुल 78 आरोपीगण को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । आरोपीगण शाहरूख खान, भाविन, जावेद का अभियोजन द्वारा आरोपीगण से घटना के संबंध में पूछताछ एवं साक्ष्य एकत्रित करने के लिए पुलिस रिमांड मांगा गया एवं अन्य आरोपियों को न्यायिक निरोध (जेल) में भेजने का निवेदन किया गया । उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से तर्क सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री चेतन नागर एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री अभिषेक जैन द्वारा रखे गये जिनसे सहमत होते हुए आरोपीगण शाहरूख खान, भाविन, जावेद का दिनांक 14.जून तक का पुलिस रिमांड एवं अन्य 75 आरोपीगण का दिनांक 24.जून तक का न्यायिक अभिरक्षा स्वीकार कर आरोपीगण को जेल भेजने का आदेश दिया गया ।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि निरीक्षक राशिद अहमद राज्य सायबर सेल को दिनांक 10जून को जरिए मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि इंदौर में स्थित कॉल सेंटर के माध्यम से कॉल सेंटर की आड में विदेशों में रहने वाले नागरिक विशेषतौर यू.एस.ए. के नागरिकों को इंदौर से बैठकर कॉल करके सोशल सिक्योरिटी नंबर को ब्लॉक करने का भय बताकर उनसे धोखाधडीपूर्वक रूपये ऐंठें जा रहे हैं । सूचना पर से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर सूचना की तश्दीक हेतु विजयनगर स्थित कॉल सेंटर पर दबिश दी गई जिसमें 21 मय लडकियों सहित कम्प्यूटर ऑपरेटर को कॉलर एवं क्लोजर के तौर पर तथा कॉल सेंटर के संचालक जावेद, भाविन उपस्थित मिले । प्रांरभिक पूछताछ में जावेद ने बताया कि मैं भाविन राहिल अब्बासी सन्नी चौहान मिलकर दो कॉल सेंटर चलाते हैं जिसमें एक कॉल सेंटर यही है जिसका फिलहाल में शाहरूख मेरी देखरेख में संचालन कर रहा है। आरोपी जावेद ने पूछताछ में बताया कि गूगल पर Thats them, true people search और yellow pages website के माध्यम से यू.एस. के लोगों का डाटा मिलता है इसके बाद कस्टमर को कॉल करके सोशल सिक्योरिटी नंबर को ब्लॉक करने का भय बताकर उनको डराते एवं धमकाते हैं और उनसे पैसे ऐठतें हैं । जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपराध पंजीबद्ध करने वाबत नोटशीट प्राप्त हुई। शिकायत के जांच के दौरान मामला सही पाये जाने पर अपराध पंजीबद्ध किया गया ।