लोकल इंदौर १८ मार्च , मध्यप्रदेश में आगामी जून में परिवर्तन हो सकता है। या तो सत्ता में या फिर संगठन में। क्या यही कारण है की भाजपा नगर निगम रोके जाने केपक्ष में है या इसी कारण मंत्रियों को जिलों के न तो प्रभार मिल रहे है और न ही निगमों में नियुक्ति हो रही है।
इस बात का खुलासा इंदौर के सांध्य अख़बार दैनिक दोपहर के सम्पादक और राजनीती टीकाकार नवनीत शुक्ला ने अपने आज के अंक में अपने कालम में किया है अख़बार में लिखे अपने कालम में श्री शुक्ला लिखते है कि भोपाल
में इन दिनों भाजपा के बड़े नेताओं के बीच जोरदार हवा है कि जून में मध्यप्रदेश में परिवर्तन हो सकता है। या तो सत्ता में या फिर संगठन में। दोनों तरफ अंदर ही अंदर बड़ी उथल-पुथल चल रही है और इसीलिए नगरीय निकाय चुनाव भी रोके गए हैं, क्योंकि मेयरों की संख्या संगठन के पक्ष में ज्यादा हुई तो भी दिक्कत हो सकती है। बताने वाले तो यहां तक बता रहे हैं कि संगठन के कई नेताओं की कार्यप्रणाली के आडियो से लेकर अन्य टेप भी दिल्ली दरबार में मौजूद हैं। देखना होगा, इस महासमर में कौन, किस पर भारी पड़ता है। और यही कारण है कि न मंत्रियों को जिलों के प्रभार मिल रहे है और न ही निगमों में नियुक्ति हो रही है। सत्ता और संगठन एक दूसरे के नामों को दरकिनार कर रहे है। दूसरी ओर ज्योति बाबू की सूची भी गलियारों में घूम रही है।