कांग्रेस वाकई गजब की पार्टी है।इसके बड़े नेता अक्सर ऐसे काम करते है जिनसे कांग्रेसियों से ज्यादा खुशी BJP को होती है। उदयपुर के नव संकल्प शिविर में भी कुछ ऐसा ही हुआ। यहाँ कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मोदी को हराने की योजना बनाने के लिए जुटे थे पर योजना बनाकर उठे तो मोदी का दिया नारा लगाने लगे।
शिविर की समाप्ति पर खुद सोनिया गांधी ने कांग्रेस के नए नारे के रूप में”भारत जोड़ो” का वो नारा अपनाने की घोषणा की जो पीएम मोदी ने 5 साल पहले दिया था। 15 अगस्त 2017 को मोदी ने लाल किले से भारत जोड़ो का नारा दिया था।इसके बाद जुलाई 2021 में “मन की बात” में मोदी ने फिर अपने इस नारे को दोहराया। उन्होने कहा कि -जैसे बापू के नेतृत्व में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ चला था, वैसे ही आज हर देशवासी को भारत जोड़ो आंदोलन का नेतृत्व करना है।
हैरानी की बात ये है कि हर बात में मोदी का विरोध करने वाली कांग्रेस ने उनके दिए इस नारे को अपना लिया। शायद ये भारत के राजनीतिक इतिहास की इस तरह की पहली घटना है जब एक प्रमुख विपक्षी दल ने सत्ताधारी दल के नारे को अपना लिया है और इसे लेकर एक यात्रा निकालने की तैयारी भी कर रही है।
सवाल ये है कि जिस समय देश को कांग्रेस से मजबूत और परिपक्व विपक्ष की भूमिका निभाने की उम्मीद है उस समय कांग्रेस और ज्यादा कमजोर और नासमझ क्यों नजर आ रही है ? सवाल ये है कि क्या कांग्रेस अब मोदी के नारे पर चलेगी ?? सवाल ये है कि क्या कांग्रेस मोदी की नकल कर मोदी से लड़ेगी ? कांग्रेस के पास रचनात्मक सोच वाले नेताओं की कोई कमी नहीं है पर सवाल ये है कि वो लोग कर क्या रहें है ?