सांवेर में भाजपा के कई नेता इंदौर से सांवेर जाकर इन दिनों राजनीतिक पर्यटन का आनंद ले रहे हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जो कसौटी पर खरे भी नहीं उतर रहे हैं। उसमें मंडल अध्यक्ष से लेकर पार्षद तक शामिल हैं। पिछले दिनों इसकी शिकायत संगठन मंत्री को पेलवान ने आंसू बहाते हुए की थी कि माल बंटते समय कई नेता दिखते हैं और बाद में उनके दर्शन भी नहीं हुए हैं और न ही कार्यकर्ताओं को लाने में सफल हो पा रहे हैं। अब इस मामले में खोटे सिक्कों को हटाकर नए कलर-कुशन किए हुए कार्यकर्ता भेजने की व्यवस्था की जा रही है। सही बात भी है, घर फूंक कर माफ करना, माल फूंक कर आनंद भी नहीं ओ तो फिर काहे की राजनीति। वहीं दूसरी ओर सांवेर में पिछले दिनों नर्मदा का पानी दिखाकर गंगा नहाने वाले नेता अब मुसीबत में पड़ गए है। पिछले दिनों जब पेलवान एक गांव में पहुंचे तो महिलाओं ने जमकर आरती उतार दी। कहा कि सुबह से बुलाकर शाम तक टांग कर रखा। शाम 6 बजे पैदल-पैदल घर पहुंचे। इधर पेलवान महिलाओं के पैर छूते रहे। महिलाओं के तेवर देखकर पेलवान को भी लगा कि कही इनके चक्कर में अपन भी दिमाग से पैदल नहीं हो जाए।
उषा दीदी सांवेर के बाद सबसे मजबूत नेता होंगी…
एक बार फिर संघ और संगठन ने सांवेर चुनाव को लेकर संस्कार और संस्कृति सिखाने वाली मंत्री उषा दीदी पर भरोसा करते हुए उन्हें इस क्षेत्र के चुनाव का मुखिया बना दिया है। कहने वाले कह रहे हैं कि इस चुनाव की सफलता के बाद उषा दीदी का कद शहर के सभी नेताओं से कहीं ऊपर होगा। वैसे भी वो अलग-अलग क्षेत्रों से जीतकर अजेय योद्धा के रूप में परचम लहरा चुकी हैं। सांवेर चुनाव जीतने के बाद संगठन और संघ की तरफ से वे इंदौर शहर की सबसे मजबूत नेता के रूप में खड़ी दिखाई देंगी। इसे यूं भी माना जा सकता है कि ताई-भाई और भौजाई के बाद एक और अलग लाइन बनेगी, जो सबसे ज्यादा मजबूत होगी। इसी के साथ अब वे नगर निगम के उम्मीदवार के चयन में भी अपनी बड़ी भूमिका निभाएंगी। अब ये समय बताएगा कि सांवेर में सुबह सात बजे से लेकर देर रात तक कोई और नेता अपनी ताकत लगा रहा है। इन नेताओं को भी यह हजम नहीं होगा कि नाचे-कूदे हम, खीर और कोई खाए।
बिना बात के हो गई प्रशासन की लट्ठम-लट्ठा…
पिछले दिनों कांग्रेस के एक विधायक और जिला प्रशासन के बीच 2400 वर्गफीट के प्लाट को लेकर चला घमासान अब और उलझ गया है। बारात निकलने की पूरी तैयारी होने के बाद अचानक प्रशासन ने करवट बदल ली है। जिस प्लाट को लेकर हल्ला मचाया गया था, वहां पर सूत न कपास और जुलाहों में लट्ठमलट्ठा शुरू हो गई थी। सूत्र बता रहे हैं कि मालती वनस्पति की भूमि पर पिछले दिनों यह बताया गया था कि यहां पर प्लाट काटे गए और नगर नियोजन विभाग से बहुमंजिला का नक्शा पास कराया गया। हल्ला मचने के बाद कार्रवाई की तैयारी हो गई और नगर नियोजन विभाग, नगर निगम सहित अन्य विभाग को बुलाकर चिड़िया बैठाने की तैयारी की ही थी कि यह बताया गया कि मालती वनस्पति में 2400 वर्गफीट का एक भी प्लाट नहीं निकाला गया है, न ही बेचा गया है। फिर यह शिकायत किस आधार पर की गई है। अब यह कैसेट उलझ गई है। मामला कुछ ऐसा हो गया है कि प्रशासन और विधायक दोनों ही न उगल रहे हैं, न निगल रहे हैं।
नोट: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक की निजी अभिव्यक्ति है। लोकल इंदौर का इससे कोई संबंध नहीं है।