लोकल इंदौर २७ फरवरी। प्रदेश सरकार उन 400 डाक्टरों का रजिस्ट्रेशन, मेडिकल काउंसिल में कैंसिल करने की तैयारी कर रही है।जिन्होंने सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और पीजी करने के बाद बांड की शर्तों का उल्लंघन किया है।
इसके लिए बकायदा चिकित्सा शिक्षा विााग ने लिस्ट बनाकर कार्रवाई के लिए मप्र एमसीआई को सौंपी है । दरअसल यह कार्रवाई इसलिए की जा रही है, क्योंकि इन चिकित्सकों को सरकारी मेडिकल कॉलेज से अपनी डिग्री पूरी करने के बाद
नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र में सेवाएं देना थीं। लेकिन,इन्होंने ऐसा नहीं किया।
जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभागऔर मप्र मेडिकल काउंसिल ने चार महीने पहले सभी कॉलेजों के डीन से पासआउट स्टूडेंट्स औरबॉन्ड नियमों का पालन न करने वाले चिकित्सकों की जानकारी मांगी तो चार हजार डाक्टर लापतामिले। इन सभी डाक्टरों को नोटिस भेजे गये तो 408 डाक्टर ऐसे हैं जो रिकॉर्ड में दर्ज पते पर नहीं मिल रहे हैं। अब मेडिकल काउंसिल इन डॉक्टरों के पंजीयन रद्द करने की तैयारी कर रहा है।
17 सालों में डॉटरों ने बदल
दिये कई संस्थान
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज, एमजीएम इंदौर, जीआरएमसी ग्वालियर, एसएमसीएच रीवा, बीएमसी सागर, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज जबलपुर से पढ़कर लगभग साढ़े चार हजार चिकित्सक बिना बॉन्ड भरे और ग्रामीण सेवा किये बिना नौकरी करने चले गये। इन कॉलेजों से पासआउट सैकड़ों डॉक्टर ऐसे हैं। जो देश के कई नामी-गिरामी
सरकारी और निजी अस्पतालों और संस्थानों में नौकरी कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सन् 2002-03 से लागू हुए बॉन्ड सिस्टम के बाद कॉलेजों में स्टूडेंट द्वारा निगरानी न होने का लाभ लेकर ये गायब हो गये और
प्रदेश में डॉक्टरों की कमी दूर नहीं हो सकी।
ऐसे ढूंढा नियम तोडऩे वाले डाटरों को
*4589 डॉक्टरों को नोटिस जारी
किया गया
*1848डॉक्टरों ने नोटिस का जवाब दिया
*406 डॉक्टरों के नोटिस बिना तामील हुए
वापस आए
*651 डॉक्टरों ने एनओसी जमा की
*233 डॉक्टरों ने बॉन्ड का पालन किया
*485 डॉक्टरों ने बॉन्ड की राशि जमा की
किस कॉलेज के कितने डॉटर गायब
कॉलेज का नाम दिए नोटिस लौटे नोटिस
जीएमसी भोपाल 854 136
एनएससीबी जबलपुर 954 189
एसएसएमसी रीवा 350 81
बीएमसी सागर 64 00
जीआरएमसी ग्वालियर 1377 00
एमजीएम इंदौर 990 00