भीड़ का चेहरा
भीड़ का नहीं होता, कोई चेहरा । चेहरों की होती है भीड़ । इसलिए, गुम हो जाते हैं भीड़ में, चेहरे।
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भीड़ का दिमाग
भीड़ में होता नहीं दिमाग, भीड़ दौहराती है, वही नारे, जो दिये जाते हैं उन्हें वह नहीं जानती, उन नारों का मतलब उनके पीछे का उद्देश्य क्योंकि भीड़ में, होता नहीं दिमाग। *******
(3)
भीड़ का धर्म
भीड़ का नहीं होता कोई धर्म , नहीं होती कोई जाति, भीड़ का नहीं होता कोई ईमान फिर भी भीड़ नहीं होती बेईमान । भीड़ का धर्म, जाति , ईमान सब उसका होता नहीं क्योंकि वह भीड़ होती है । *************
(4)
भीड़ की इच्छा
भीड़ की नहीं होती कोई इच्छा इच्छाओं की होती है भीड़ । भीड़ क्यों और किसकी इच्छा के लिए एकत्र हुई है । यह वह नहीं जानती, क्योंकि भीड़ की कोई इच्छा नहीं होती।